July 27, 2024 6:57 am
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लिंग परिवर्तन कराकर शालिनी बनी शानू शुक्ला, साधारण लड़की होकर जीना था लड़कों की तरह जीवन, जानते है पूरा मामला

इटावा

 लिंग परिवर्तन कराकर शालिनी बनी शानू शुक्ला, साधारण लड़की होकर जीना था लड़कों की तरह जीवन, जानते है पूरा मामला

इटावा जिले के रहने वाले शानू एक वर्ष पूर्व शालिनी हुआ करते थे, लेकिन उनको बचपन से लड़कों की तरह जीवन जीना और उनके साथ खेलना पसंद था। जिस वजह से शालिनी ने वर्ष 2021 से लिंग परिवर्तन के लिए डॉक्टरों के निर्देशन में प्रक्रिया शुरू दी।

 

आपकों बता दें कि

इटावा जिले की शालिनी शुक्ला अब शानू शुक्ला (परिवर्तित नाम) बन गया है। शालिनी ने अपना लिंग परिवर्तन करवा लिया है। ग्राम सुल्तानपुर निवासी 28 वर्षीय शालिनी पूरी तरह से साधारण लड़की ही थी, लेकिन उसे लड़कों की तरह जीवन जीना था।

 

उसके लिए उन्होंने अपने परिवार से सहमति और सहयोग के बाद लिंग परिवर्तन करवा लिया। जिले में यह पहला मामला है। जल्द ही वह डीएम को नए प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन करेंगे। जिसके बाद वह कानूनी रूप से शानू बन जाएंगे।

 

शालिनी ने जेंडर डिस्फोरिया के तहत लिंग परिवर्तन करवाया है। यहां तक कि उसके प्राइवेट पार्ट को भी विकसित किया गया। छाती की सर्जरी भी इस लिंग परिवर्तन का एक अहम हिस्से को पूरा किया गया। इसके लिए उसे एक वर्ष से अधिक समय के बाद कई हार्मोंस थेरेपी भी दी गई।

 

2021 में शुरू कर दी थी प्रक्रिया

जिले के रहने वाले शानू एक वर्ष पूर्व शालिनी हुआ करते थे, लेकिन उनको बचपन से लड़कों की तरह जीवन जीना और उनके साथ खेलना पसंद था। जिस वजह से शालिनी ने अपने परिवार को इस बारे में बताया समझाया। परिजनों के सहयोग से वर्ष 2021 से उन्होंने लिंग परिवर्तन के लिए डॉक्टरों के निर्देशन में ये प्रक्रिया शुरू करवा दी।

 

कुछ इस प्रकार शालिनी बनी शानू शुक्ला

शानू शुक्ला ने बताया कि जब उन्हें जेंडर चेंज सर्जरी के बारे में पता चला, तो उन्होंने लिंग परिवर्तन करने का निर्णय लिया व परिवार की सहमति और सहयोग मिला। उन्होंने बताया कि अभी तक छह से सात लाख खर्च हो चुका है। आगे भी करीब इतना पैसा खर्च होगा। जिसके लिए जल्द से जल्द अपने प्रमाण पत्र जिलाधिकारी के यहां आवेदन करके बदलवाना है।

 

जेंडर डायस्फोरिया के ये हैं लक्षण

उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई के जनरल सर्जरी विभाग के प्रो डॉ. सोमेंद्र पाल ने बताया कि जेंडर डायस्फोरिया के लक्षण के कारण अक्सर लड़की लड़के की तरह लड़का लड़की की तरह जीना चाहते हैं, लेकिन समाज के डर से वह इन बदलावों को बताने से डरते हैं।

एक चुनौती पूर्ण काम है जेंडर चेंज सर्जरी

वहीं, जब वह अपने जीवन को सामान्य बनाना चाहते हैं। तब वह जेंडर चेंज के लिए सर्जरी का फैसला लेते हैं। उन्होंने बताया जेंडर चेंज सर्जरी एक चुनौती पूर्ण काम है, इसमें काफी खर्च आता है। इस सर्जरी को करने से पहले मानसिक रूप से तैयार रहना पड़ता है उसके बाद हार्मोन थेरेपी की जाती है।

सर्जरी के लिए कम से कम 21 साल से अधिक की उम्र होनी चाहिए

फिर महिला से पुरुष बनने से पहले ब्रेस्ट हटाया जाता है और पुरुष का प्राइवेट पार्ट डेवलप किया जाता है। जेंडर चेंज सर्जरी प्रक्रिया में मनोरोग विशेषज्ञ,सर्जन, गाइनेकोलॉजिस्ट और न्यूरोसर्जन भी मौजूद रहते हैं और इस सर्जरी के लिए कम से कम 21 साल से अधिक की उम्र होनी चाहिए।

रिपोर्ट आर पी एस समाचार 

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