रविवार के दिन करें भगवान गणेश का पूजन, पाएं ये लाभ…
भगवान भोलेनाथ और पार्वती जी के स्नेही पुत्र और सभी देशों में प्रथम आराध्य भगवान गणपति की पूजा के लिए रविवार का दिन सर्वोत्तम माना जाता है। वे रिद्धि-सिद्धि के दाता और शुभ-लाभ के प्रदाता हैं। उनके सानिध्य से हर कार्य बिना विघ्न के पूर्ण हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि रविवार के दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है और साड़ी मन्नतें पूरी होती हैं। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत पूर्व से करें, भगवान की पूजा करने की परंपरा भी गणेश जी को लेकर आ रही है।
गणपति जी सुख-समृद्धि प्रदान करने वाले देवता भी कहते हैं। प्रिय उनका भोग मोदक है। हाथी के मस्तक वाले भगवान गणेश का वाहन चूहा है। उनकी दो पत्नियाँ, ऋद्धि एवं सिद्धि हैं। यह भी प्रमाणित है कि श्री गणेश के भक्तों को मन से स्मरण करने से ही जीवन से जुड़े सभी तत्वों का नाश होता है। गणपति जी की आराधना विधि से ही उन्हें रिद्धि-सिद्धि, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
दूर्वा और मोदक से करें
भगवान गणेश की पूजा तो उनका पसंदीदा भोग लगाना भी जरूरी है। उनकी पूजा के दौरान उन्हें अतिप्रिय ‘दूर्वा’ और ‘मोदक’ जरूर चढ़ाने चाहिए। शास्त्रों के अनुसार गणपति जी को दूर करने से व्यक्ति धनवान होता है। उसके पास किसी भी चीज़ की कमी नहीं रहती है। मोदक चढ़ाने पर भगवान अपने भक्तों का सभी प्रकार से मंगल करते हैं।
रिद्धि-सिद्धि के दाता की साधना करने पर गणपति पूजन के ये हैं 5 बड़े फायदे । व्यापार में भी लाभ होता है।
– गणपति जी की प्रतिदिन साधना करने से जीवन से दु:ख और दरिद्रता, दोनों ही दूर हो जाते हैं।
– लंबोदर की पूजा करने से माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। प्रथम पूज्य के आशीर्वाद से धन का सदुपयोग होना प्रतीत होता है।
– गजानन की दिव्य मन से साधना करने पर उनके दिव्य दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त होता है।
– रविवार के दिन गणपति आराधना से मन की इच्छा शीघ्र पूरी होती है।