October 3, 2024 1:55 pm
Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

हनुमानजी के पांच सगे भाई भी थे, जानिए उनके नाम ?

👇खबर सुनने के लिए प्ले बटन दबाएं

हनुमानजी के पांच सागे भाई भी थे, जानिए उनका नाम ?
〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰
हनुमानजी हिंदू धर्म में ३३ करोड़ देवी-देवता होने की बात कहती है, इसलिए वह ३३ करोड़ नहीं बल्कि ३३ कोटि देवी-देवता हैं। अर्थात सभी देवी-देवताओं के विभिन्न रूप एवं अवतार हैं। अब स्वयं देव हों या उनका कोई मानव रूपी अवतार, सभी से जुड़े तथ्य एवं पौराणिक वर्णन काफी दिलचस्प हैं।

रोचक जानकारी आज हम हनुमान जी के बारे में आपको कुछ रोचक जानकारी देंगे। बजरंगबली, पवन पुत्र, अंजनी पुत्र, राम भक्त, ऐसे ही कई नामों से पुकारा जाता है हनुमान जी को। यह बात शायद सभी जानते हैं लेकिन आगे बताते जा रहे कुछ तथ्य हर किसी को पता नहीं हैं।

भगवान शिव का अवतार सबसे पहली बात, हनुमान जी को भगवान शिव का ही अवतार माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार अंजना नाम की एक अप्सरा को एक ऋषि ने यह श्राप दिया था कि जब भी वह प्रेम बंधन में बंधेगी, उसका चेहरा एक वानर की तरह हो जाएगा। लेकिन इस श्राप से मुक्त होने के लिए भगवान ब्रह्मा ने अंजना की मदद की।

अंजनी पुत्र उनकी मदद से अंजना ने धरती पर स्त्री रूप में जन्म लिया, यहां उसे वानरों के राजा केसरी से प्रेम हुआ। विवाह पश्चात श्राप से मुक्ति के लिए अंजना ने भगवान शिव की तपस्या आरंभ कर दी। भगवान शिव ने प्रसन्न होकर उन्हें पति कहा। अंजना ने भगवान शिव से कहा कि ऋषियों के श्राप से मुक्ति पाने के लिए उन्हें शिव के अवतार को जन्म देना है, इसलिए शिव बालक के रूप में उनकी कोख से जन्म लें।

शिव आराधना ‘तथास्तु’ के कारण शिव अंतर्ध्यान हो गए, इस घटना के बाद एक दिन अंजना शिव की आराधना कर रही थीं और इसी दौरान दूसरे कोने में महाराज दशरथ अपनी तीन रानियों के साथ पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए यज्ञ कर रहे थे।

अंजना के हाथ में गिरा प्रसाद अग्नि देव ने उन्हें दैवीय ‘पायस’ दिया था, जिसे तीनों रानियों को खिलाना था, लेकिन इस दौरान एक चमत्कारिक घटना घटी, एक पक्षी उस पायस की कटोरी में थोड़ा सा पायस अपने पंजों में फंसाकर ले गया और तपस्या में लीन अंजना के हाथ में गिरा दिया।

शिव का प्रसाद अंजना ने शिव का प्रसाद समझकर उसे ग्रहण कर लिया और कुछ ही समय बाद वह वानर मुख वाले एक बालक को जन्म दिया। बहुत कम लोग जानते हैं कि इस बालक का नाम मारुति था, जिसे बाद में ‘हनुमान’ के नाम से जाना गया।

अन्य कथा हनुमान जी से जुड़ी एक और तथ्य काफी रोचक है। एक कथा के अनुसार एक बार हनुमान जी ने श्रीराम की याद में अपने सम्पूर्ण शरीर पर सिंदूर भी लगाया था। इसलिए क्योंकि एक बार उन्होंने माता सीता को सिंदूर लगाकर देख लिया था। जब उन्होंने सिंदूर लगाने का कारण पूछा तो सीता जी ने बताया कि यह उनके श्रीराम के प्रति प्रेम एवं सम्मान का प्रतीक है।

लाल हनुमान बस यह जानने की देरी ही थी कि हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर लगा लिया, यह दर्शन करने के लिए कि वे भी श्रीराम से अति प्रेम करते हैं। इस घटना के बाद हनुमान का ‘लाल हनुमान’ रूप भी काफी प्रचलित हुआ।

हनुमान शब्द का संस्कृत अर्थ हनुमान जी से जुड़े कुछ छोटे-छोटे तथ्य हैं, जो काफी कम लोग जानते हैं। जैसे कि उनके नाम, ‘हनुमान’ शब्द का यदि संस्कृत अर्थ निकला जाए तो इसका अर्थ होता है जिसका मुख या जबड़ा बिगड़ा हुआ हो।

हनुमान और भीम अगली बात जो हम बताने जा रहे हैं उसे जान आप सच में हररत में आने वाले हैं। महाभारत काल में पाण्डु पुत्र राजकुमार भीम अपने बल के लिए जाने जाते थे। कहते हैं वे हनुमान जी के ही भाई थे।

इसके अलावा जिन हनुमान जी को ब्रह्मचारी कहा जाता है, उनकी शादी भी हुई थी। उनके पुत्र का नाम मकरध्वज है। लेकिन इसके अलावा उनके पांच भाई भी थे, क्या आप जानते हैं?

हनुमान जी के पांच सागे भाई जी हां… हनुमान जी के पांच सागे भाई थे और वो पांचों ही विवाहित थे। यह कोई कहानी या मात्र मनोरंजन का साधन बनाने के लिए हवा में बताई गई बात नहीं है, बल्कि सच्चाई है। हनुमान जी के पांच सागे भाई थे, इस बात का उल्लेख ‘ब्रह्मांडपुराण’ में मिलता है।

ब्रह्माण्डपुराण के अनुसार इस पुराण में भगवान हनुमान के पिता केसरी एवं उनके वंश का वर्णन शामिल है। बड़ी बात यह है कि पांचों भाईयों में बजरंगबली सबसे बड़े थे। यानी हनुमानजी को शामिल करने पर वानर राज केसरी के 6 पुत्र थे।

बजरंगबली के बाद क्रमशः मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान, धृतिमान सबसे बड़े थे। ये सभी के संतान भी थे, जिससे इनका वंश वर्षों तक चला। हनुमानजी के बारे में जानकारी वैसे तो रामायण, श्रीरामचरितमानस, महाभारत और भी कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलती है।

लेकिन उनके बारे में कुछ ऐसी भी बातें हैं जो बहुत कम धर्म ग्रंथों में उपलब्ध हैं। ‘ब्रह्मांडपुराण’ तक में से एक है। पिता केसरी का वंश इस महान ग्रन्थ में हनुमान जी के जीवन एवं उनसे जुड़ी कई बातें हैं। इसी ग्रंथ में उल्लेख है कि बजरंगबली के पिता केसरी ने अंजना से विवाह किया था।
〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰🌼〰〰

गिरीश
Author: गिरीश

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

[wonderplugin_slider id=1]

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

error: Content is protected !!
Skip to content