क्या मंत्र में वास्तव में शक्ति होती है और गायत्री मंत्र हमें शक्तिशाली बनाता
*” महामंत्र जितने जग माहीं, कोऊ गायत्री सम नाहीं “*
जहाँ तक मन्त्रों की बात है तो इसमें कदापि संशय नहीं होना चाहिए कि गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ है. किसी भी मन्त्र का जप करने के लिए मन में पवित्रता और ध्यान एकाग्र होना चाहिए तभी उससे अधिक से अधिक लाभ उठाया जा सकता है . इस मन्त्र में इतनी शक्ति है कि आपके मन में पवित्रता का उदय होगा और आप किसी भी साधना में सफल हो सकते हैं .वैसे सनातन परंपरा में यही गुरु मंत्र हुआ करता था .
मंत्र के जप का फल निश्चित रूप से मिलता है लेकिन इसका फल कब और कितना मिलेगा ये साबित करना और जान पाना सामान्य साधक के लिए बहुत कठिन है .यही कारण है कि हमारी परंपरा में गुरु का स्थान सदैव से सर्वोच्च रहा है .उन्हें भगवान से भी उच्च दर्जा दिया गया है
हाँ, मंत्र में शक्ति है! गायत्री मंत्र, विशेष रूप से, अपार शक्ति वाला माना जाता है और हमें शक्तिशाली बना सकता है।
गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जप करने से हमारी आंतरिक ऊर्जा जागृत होती है और सक्रिय होती है, जिससे सकारात्मकता, स्पष्टता और शक्ति को बढ़ावा मिलता है।
इस मंत्र के माध्यम से दिव्य ऊर्जा से जुड़कर, हम अपनी आंतरिक शक्ति का दोहन कर सकते हैं, अपनी चेतना को बढ़ा सकते हैं, और सशक्तिकरण की भावना का अनुभव कर सकते हैं। तो, मंत्रों की शक्ति को गले लगाओ और गायत्री मंत्र आपको ताकत और बहुतायत की ओर ले जाए!
* गायत्री मंत्र में क्या खास शक्ति है?
इस चित्र से आपको यह तो समझ आ गया होगा की गायत्री मंत्र से शरीर के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कम्पन व असर होता है। चलिए , सबसे पहले हम समझते है कोई मंत्र काम केसे करता है, वास्तव में मंत्र के सही और सटीक उच्चारण से वह कार्य करता है, जब हम कोई मंत्र बोलते है वह ध्वनि हमारे शरीर के अलग अलग भाग से उत्पन्न होती है व अलग अलग भाग को प्रभावित करती है। उदाहरण के तौर पर जब आप प्रणव याने कि ॐ का उच्चारण करते है तो वह भी अलग अलग भाग से उत्पन्न हुआ प्रतीत होगा, तो वैसे ही इस चित्र के अनुसार गायत्री मंत्र भी शरीर के अलग अलग बिंदुओ को प्रभावित करता है।
दूसरी बात गायत्री मंत्र क्या है, यह जान ना जरूरी है,
यह वास्तव अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट्स यान के अंदर अपने मिशन पर कार्य कर रहे थे। तभी यान के अंदर उन्हें कुछ हलचल सी महसूस हुई, ऐसी हलचल जो दिल दहला देने के लिए काफ़ी था। उन्हें समझ ना आया कि किया क्या जाए ? जिससे कि यान के बाहरी हलचल से जो प्रभाव उन पर पड़ रहा है, उसे रोका जा सके। तभी एक भारतीय एस्ट्रोनॉट ने उस वक्त मां गायत्री के मंत्रों का जाप शुरू किया।
” I I ॐ भूर्भुवः स्व: ॐ तत्स वितुरवरेण्यम, भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् ॐ I I ”
इस मंत्र के जाप से यान में जो बाहरी हलचल हो रही थी वह बंद हुई और वातावरण शांत हो गया। गायत्री मंत्र कहीं भी जपा जा सकता है, बस आपका तन-मन शुद्ध होना चाहिए.
धर्म ग्रंथों में लिखा है कि गायत्री उपासना करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा उसे कभी किसी वस्तु की कमी नहीं होती। गायत्री से आयु, प्राण, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं ब्रह्मवर्चस के सात प्रतिफल अथर्ववेद में बताए गए हैं, जो विधिपूर्वक उपासना करने वाले हर साधक को निश्चित ही प्राप्त होते हैं। विधिपूर्वक की गयी उपासना साधक के चारों ओर एक रक्षा कवच का निर्माण करती है व विपत्तियों के समय उसकी रक्षा करती है।यह रचना मेरी नहीं है मगर मुझे अच्छी लगी तो आपके साथ शेयर करने का मन हुआ।🙏🏻
*_|| इति शुभम् प्रभातम … ॐ शांति ॐ ||_*