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दरिंदगी की हदें पार: अविश्वास ने मासूम के कलेजे की पूजा की फिर उसे खायी, हैवानों से ऐसे सांप पुलिस; जानिए मामला
कानपुर देहात के घाटमपुर में संत कल की चाहत में मासूम की हत्या करने वाले किसानों में चार को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। 14 नवंबर 2020 को दीपावली की रात को इसका प्रभाव पड़ा। रात के अंधेरे में डूबी बच्ची की चीख निकली।
14 नवंबर 2020 को कानपुर देहात के घाटमपुर के एक गांव में दीपावली की रात सात साल की मासूम बच्ची की हत्या के मामले में चार दोषियों को सजा सुनाई गई है। तीन साल तक चली सुनवाई के बाद शनिवार को अपर जिला जज 13 पॉक्सो एक्ट की अदालत ने अवैध वसूली करने वाले और 20-20 हजार अर्थदंड की सजा सुनाई।
वहीं, निवेशकों के लिए अकुल और उनके दोस्त वीरेन को पूरा ऑफर और 45-45 हजार का अर्थदंड लगाया गया है। अविश्वास को चुनौती या उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सहायक विध्वंसक राम रक्षित शर्मा, प्रदीप पांडे प्रथम व अजय कुमार त्रिपाल ने बताया कि एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
इसमें बताया गया था कि उनकी सात साल की सालगिरह 14 नवंबर 2020 को घर के बाहर का समय गायब हो गया था। अगले दिन उसका क्षत-विक्षत शव गांव के बाहर खेत में मिला। पुलिस ने पिता की दुकान पर गांव के अंकुल, वंशलाल, कमलराम, बाबूराम और सुरेश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि संत की चाहत में एक मासूमियत के शो में प्रशांत व सुनैना ने बच्ची का कलेजा दिखाया था। बच्ची की हत्या कर कालेजा चारा वाले अकुल और वीरेन थे। इसी आधार पर पुलिस ने चाकूबाजी और हत्या के अपराध में आरोप पत्र अदालत में पेश किए थे।
बिल्डरों में राजवंशलाल, कमलराम, बाबूराम व सुरेश के खिलाफ कोई भी मूर्ति नहीं मिलने पर उनके नाम के संकेत से हटा दिए गए थे। मामले की सुनवाई अपर जिला जज 13 पॉक्सो एक्ट बाकर शमीम रिजवी की अदालत में चल रही थी। अदालत ने बुधवार को चारों को दोषी ठहराया था। शनिवार को दोनों सितारों की तस्वीरें सुनने के बाद पुतले की सजा सुनाई गई।
ब्यूरो रिपोर्ट कानपूर
Author: आर पी एस न्यूज़
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