लखनऊ
चमत्कारी है बाराबंकी का लोध्रेश्वर महादेव मंदिर, महाभारत से है नाता
भारत में एक नहीं ढेर सारे मंदिर हैं, आज हम आपको महाभारत से जुड़े एक मंदिर के बारे में बताते हैं।
भारत को ‘मंदिरों का घर कहा जाता है। यहां सभी देशों की तुलना में सबसे अधिक मंदिर पाए जाते है। भारत अपने साथ सिर्फ देश नहीं बल्कि सारी दुनिया के धार्मिक स्थलों को समेटे हुए है। यहां सिर्फ मंदिर नहीं बल्कि चर्च, मस्जिद बौद्ध स्तूप और सिखों के गुरुद्वारा भी देखने को मिलते है। हिंदुस्तान सभी धमों के संगम का एक खूबसूरत देश है। भारत में विश्व के कई प्रसिद्ध मंदिर मोजूद है। जो खुद में अपना एक जगत समेटे हुए है। आज हम एक ऐसे मंदिर के बारे में चर्चा करेंगे जिसका जिक्र महाभारत में भी देखने को मिलता है। इस मंदिर का नाम “लोध्रेश्वर” शिव के एक अन्य नाम पर आधारित है। यहाँ पर एक बड़ी शिवलिंग विराजमान है, जो शिव भक्तों के लिए धार्मिक महत्व का प्रतीक है।
बाराबंकी लोध्रेश्वर महादेव मंदिर
यह मंदिर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रामनगर तहसील के महादेवा गांव में स्तिथ है। यह मंदिर घाघरा (सरयू) नदी के किनारे है। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण काफी प्राचीन है। बता दें कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है, वह विश्व के 52 अनोखे एवं दुर्लभ शिवलिंगों में से एक है।
कौन है लोध्रेश्वर भगवान
लोधेश्वर भगवान हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं, जिन्हें शिव भगवान के एक रूप के रूप में पूजा जाता है। उनकी कहानी अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें अनेक गाथाओं, पुराणों, और धार्मिक ग्रंथों में वर्णित किया गया है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक समय शिव भगवान और माता पार्वती के बीच एक वार्ता हुई। पार्वती माता ने शिव जी से पूछा कि कौन सा भक्त सर्वश्रेष्ठ है। शिव जी ने उत्तर दिया कि अंगूष्ठमात्र भक्त वो होता है जो लोधेश्वर मंदिर में सच्चे मन से शिव की पूजा करता है।
महाशिवरात्रि पर लगता भक्तों का मेला
लोधेश्वर महादेव मंदिर, महाकाल के भक्तों में काफी लोकप्रिय है। यहाँ पर वर्षभर शिवरात्रि, महाशिवरात्रि, और कार्तिक पूर्णिमा जैसे धार्मिक अवसरों पर बड़े पर्वोत्सव मनाए जाते हैं। यहाँ पर श्रद्धालुओं की भारी संख्या आती है और विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-अर्चना की जाती है। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए लोग देश भर से आते हैं और अपनी श्रद्धा को व्यक्त करते हैं। इसके अलावा, यहाँ पर आस-पास के क्षेत्रों के अन्य पर्यटन स्थलों को भी देखने का अवसर मिलता है। आप यहाँ लखनऊ से किसी भी माध्यम से आ सकते है, क्यूंकि बाराबंकी जिला लखनऊ के सबसे करीब है।
माघ मास की पूर्णिमा से शुरू होकर शिवरात्रि महाव्रत तक यहां पूरे प्रदेश के लोग कांवर लेकर पैदल लोधेश्वर महादेव मंदिर पहुंचते हैं जैसे की लखनऊ, कानपुर ,उन्नाव, हरदोई,कन्नौज, प्रतापगढ़,सीतापुर जैसे तमाम जनपदों के श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं
रिपोर्ट – संस्थापक प्रधान संपादक रघुनाथ प्रसाद शास्त्री
Author: आर पी एस न्यूज़
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