कौन सा तेल किसी भी बीमारी का रामबाण इलाज है?
कलौंजी का तेल बनाने के लिए आप कलौंजी को पीस लें. इसमें चाहें तो पिसा मेथीदाना भी मिला सकते हैं. नारियल या अरंडी के तेल में से आपको जो भी ज्यादा सूट करता हो उसमें ये पिसे बीज डालें और कांच की शीशी में धूप में रख दें. कम से कम तीन दिन तक कड़क धूप में तेल रखा रहने दें.
वैसे तो हमे जब भी कोई स्वास्थ्य संबंधी कोई भी समस्या होती है तो हम उसे ठीक करने के लिए डॉक्टर और दवाइयों का सहारा लेते हैं.
लेकिन फिर भी पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाते हैं.
ऐसे मे अगर हम कहें कि अपनी किसी भी बीमारी का कारगर इलाज आप घर बैठे कर सकते हैं तो आपको शायद हमारी बातों पर यकीन नहीं होगा.
यह एक ऐसा तेल है जिसमें गंभीर से गंभीर बीमारियों से लड़ने की क्षमता छुपी है.
कलौंजी का तेल
वैसे तो कलौंजी का इतिहास सालों पुराना है. सदियों से इसका उपयोग मसाले और दवाइयों के रुप किया जा रहा है. इसके औषधिय गुणों के चलते ही कहा जाता है कि कलौंजी के तेल में हर मर्ज़ का इलाज है सिवाय मौत के 😜…
कलौंजी का तेल पोषक तत्वों से भरपूर
कलौंजी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा जैसे 100 से भी ज्यादा महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं. जो हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करते है.
रक्तचाप के लिए
कलौंजी तेल का उपयोग रक्तचाप यानी ब्लड प्रेशर के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कलौंजी ऑयल के फायदे
(Nigella Sativa L. Seeds)
में उच्च रक्तचाप को कम करना शामिल है। दरअसल, स्टडी में यह पुष्टि हुई है कि प्रतिदिन 5 एमएल कलौंजी तेल के सेवन से बीपी यानी हाइपरटेंशन (Hypertension) कम हुआ
। वहीं, एक अध्ययन के अनुसार, कलौंजी के बीज के अर्क में एंटी हाइपरटेंशन प्रभाव होता है, जो रक्तचाप कम करने में मदद कर सकता है (2)। इस आधार पर इन परिणामों को देखते हुए यह कह सकते हैं कि कलौंजी के तेल के फायदे में उच्च रक्तचाप से बचाव शामिल है।
2. कोलेस्ट्रॉल के लिए कलौंजी तेल के फायदे
कलौंजी आयल बेनिफिट्स में बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करना भी शामिल है। दरअसल, कलौंजी हनिकारंक कोलेस्ट्रॉल (LDL) और ट्राइग्लिसराइड्स (Triglyceride) का स्तर कम कर सकता है। ऐसा इसमें मौजूद एंटी हाइपरकोलेस्टरोलेमिक (Anti-hypercholesterolemic) गुण के कारण है (3)। वहीं, इसका इस्तेमाल एंटी हाइपरलिपिडेमिक (Antihyperlipidemic) यानी रक्त में उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित करने वाली दवा के रूप में भी किया जा सकता है।
इसके लिए कलौंजी के बीज का पाउडर और तेल दोनों ही लाभकारी हो सकते हैं
रामबाण औषधि है कलौंजी का तेल
आपको बता दें कि कलौंजी का तेल कैंसर, डायबीटिज़, सर्दी-जुकाम, पीलिया, बवासीर, मोतियाबिंद की आरंभिक अवस्था, कान के दर्द, सफेद दाग, लकवा, माइग्रेन, खांसी, बुखार, गंजापन जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता रखता है.
कैंसर
यह कलौंजी का तेल शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को विकसित होने से रोकता है और उन्हें नष्ट करता है. यह कैंसर रोगियों में स्वस्थ कोशिकाओं की रक्षा करता है.
कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को कलौंजी के तेल की आधी बड़ी चम्मच को एक गिलास अंगूर के रस में मिलाकर दिन में तीन बार लेना चाहिए.
एचआईवी
कलौंजी के औषधिय गुणों की जांच के लिए अमेरिका में एक शोध के दौरान एचआईवी पीड़ित व्यक्ति को रोज़ कलौंजी, लहसुन और शहद का कैप्सुल दिया गया. कुछ दिनों बाद यह पाया गया कि पीड़ित व्यक्ति में शरीर की रक्षा करनेवाली टी-4 और टी-8 लिंफेटिक कोशिकाओं की संख्या में आश्चर्यजनक रुप से बढ़ोत्तरी हुई थी.
खांसी और दमा
खांसी और दमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें, तीन चम्मच कलौंजी का तेल रोज़ पीएं और पानी में तेल डालकर उसका भाप लें.
डायबीटिज़
डायबीटिज़ के मरीज़ों को एक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके को पीस कर चूर्ण बना लेना चाहिए. आधे चम्मच कलौंजी के तेल के साथ इस चूर्ण को रोज़ नाश्ते के पहले एक महीने तक लेने से आराम मिलता है.
किडनी स्टोन
पाव भर पिसी हुई कलौंजी को शहद में अच्छी तरह से मिला लें. इसमें से दो चम्मच मिश्रण और एक चम्मच कलौंजी के तेल को एक कप गर्म पानी के साथ मिलाकर रोज़ नाश्ते से पहले लें. गुर्दे की पथरी से परेशान लोगों को कलौंजी का तेल फायदा करता है.
ह्दय रोग और ब्लड प्रेशर
जब भी कोई गर्म पेय लें, उसमें एक चम्मच कलौंजी का तेल मिला लें. तीन दिन में एक बार पूरे शरीर पर तेल की मालिश करके आधा घंटा धूप का सेवन करें. लगातार एक महीने तक ऐसा करने से पीड़ित को आराम मिलता है.
सफेद दाग और कुष्ठ रोग
शरीर पर सफेद दाग और कुष्ठ रोग हो जाने पर 15 दिन तक रोज़ाना पहले सेब का सिरका शरीर पर मलें फिर कलौंजी का तेल मलें.
कमर दर्द और गठिया
कलौंजी के तेल को हल्का गर्म करके जहां दर्द हो वहां मालिश करें. और एक चम्मच कलौंजी का तेल दिन में तीन बार सेवन करें. 15 दिन मे बहुत आराम मिलेगा.
सिरदर्द
लगातार सिरदर्द होने पर माथे और सिर के दोनों तरफ कान के आस-पास कलौंजी का तेल लगाएं और नाश्ते के पहले एक चम्मच तेल का सेवन करें. कुछ सप्ताह बाद सिरदर्द पूरी तरह से खत्म हो जाएगा.
आंखों की समस्या के लिए
रोज़ सोने के पहले पलकों और आंखों के आस-पास कलौंजी का तेल लगाने और एक चम्मच तेल को एक कप गाजर के रस के साथ एक महीने तक लेने से नेत्र रोग से पीड़ित व्यक्ति को फायदा होता है.
मानसिक तनाव करता है दूर
एक चाय की प्याली में एक बड़ी चम्मच कलौंजी का तेल डालकर लेने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है. एक चम्मच तेल, 100 ग्राम उबले हुए पुदीने के साथ खाने से याददाश्त अच्छी होती है.
स्त्री गुप्त रोग
स्त्रियों के रोग जैसे श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, डिलेवरी के बाद दुर्बलता व रक्त स्त्राव में कलौंजी का तेल काफी फायदेमंद होता है. थोड़े से पुदीने की पत्तियों को दो गिलास पानी में डालकर उबालें, आधा चम्मच कलौंजी का तेल डालकर दिन में दो बार पिएं. बैंगन अचार, अंडा और मछली से परहेज करें.
पुरुष गुप्त रोग
स्वप्न दोष, स्तंभन दोष, नपुंसकता जैसे रोगों में एक कप सेब के रस में आधा चम्मच तेल मिलाकर दिन में दो बार 21 दिन तक पिएं. थोड़ा सा तेल गुप्तांग पर रोज़ मलने से फायदा होता है.
बालों की समस्या करे दूर
बालों में नींबू का रस अच्छी तरह से लगाए. 15 मिनट बाद बालों को शैंपू कर लें व अच्छी तरह धोकर सुखा लें. सूखे बालो में कलौंजी का तेल लगाएं. एक सप्ताह के उपचार के बाद बालों का झड़ना बंद हो जाएगा.
बालों में रुसी होने पर दस ग्राम कलौंजी का तेल, 30 ग्राम जैतून का तेल हल्का गर्म करें उसमें 30 ग्राम पिसी हुई मेहंदी को मिलाकर बालों में लगाएं और एक घंटे बाद बालों को धोकर शैंपू कर लें.
सुंदर और आकर्षक चेहरे के लिए
एक चम्मच कलौंजी का तेल, एक चम्मच जैतून का तेल मिलाकर चेहरे पर मसाज करें और एक घंटे बाद चेहरा धो लें. कुछ दिनों में आपका चेहरा चमक उठेगा.
तो देखा आपने दुकान पर आसानी से मिलने वाले कलौंजी के तेल में कितने सारे फायदे छुपे हुए हैं.
अगर आप भी हमेशा स्वस्थ और तंदरुस्त रहना चाहते हैं तो रोज़ाना कलौंजी का तेल इस्तेमाल कीजिए. यह रचना मेरी नहीं है मगर मुझे अच्छी लगी तो आपके साथ शेयर करने का मन हुआ।🙏🏻