नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि कोर्ट को उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. 25 दिसंबर को रिटायर हो रहे जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि हम तभी जागते हैं, जब हालात बदतर हो जाते हैं. इसके लिए सतत निगरानी की जरूरत है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकार को प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए संबंधित सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर दो महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है. अब शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई 27 फरवरी को तय की है.
वहीं, पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा दाखिल किया, जिसमें दावा किया गया कि पराली जलाने पर लोगों पर लगाए गए जुर्माने की वसूली 53 फीसदी बढ़ी है और साल 2023 में खेतों में आग लगना कम हो गया है.
हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि खेतों में आग लगनी बंद होनी चाहिए. हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने तीव्र परिवहन प्रणाली के लिए पानीपत और अलवर लाइन को मंजूरी दे दी है, जिससे क्षेत्र में प्रदूषण कम हो जाएगा. हालांकि, इस परियोजना को केंद्र की मंजूरी का इंतजार है. केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्द से जल्द मंजूरी दे दी जाएगी.
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Tags: Judges, Supreme Court, Supreme court of india
FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 12:38 IST
Author: आर पी एस न्यूज़
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