फतेहपुर चौरासी
आचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री ने बताया कि
भाद्रपद मास प्रारंभ होते ही सनातन धर्म व्रत पर्व का सिलसिला शुरू हो गया है इसी कड़ी में सप्तमी युक्त हलषष्टी का योग बनता है तब हर छठ पर्व मनाया जाता है निर्णय सिंधु ग्रन्थ में प्रमाण मिलते हैं अतः सभी सनातनी धर्मावलंबी भक्त श्रृद्धा और विश्वास से युक्त होकर अपनी अपनी कुल परम्परा अनुसार शास्त्रीय मान्यता से छठ पूजा व्रत दिनांक 25 अगस्त रविवार को मनाया जाएगा काशी विश्व पंचांग तथा महावीर पंचांग के अनुसार तथा निर्णय सिंधु ग्रन्थ में वर्णित साक्ष्य के आधार पर सभी हमारे कर्म काण्डी एवं ज्योतिष शास्त्र के जानकार समाज में भ्रम नहीं फैलायें सही जानकारी कर समाज में सनातनी धर्मावलंबी भक्तों को अवगत करायें तभी हमारे समाज में फैली अल्पज्ञता को हटाया जा सके और अपने प्राचीन संस्कृति को आगे बढ़ाने में सहायक बन सके पुत्र की दीर्घायु की कामना से हलषष्टी पूजा रविवार को की जायेगी। तथा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव व्रत पर्व 26 अगस्त सोमवार को दिन में 8/20 से अष्टमी तिथि लग जायेगी एवं रोहिणी नक्षत्र भी रात में 9बजकर 10 मिनट पर लग जायेगा इस प्रकार अर्ध रात्रि में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र का अद्भुत संयोग बना है क्योंकि सोमवार का दिन मिल जाने से जयंती योग का उत्तम अवसर प्राप्त हो रहा है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर्व व्रत 26 को ही मनाया जाएगा जिससे महापुण्य फल कारी होगा औदयिक अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र 27 अगस्त मंगलवार को प्राप्त हो रहा है अतः कुछ विशिष्ट वैष्णव जन मंगलवार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाए गे।
विशेष बहुला चतुर्थी और हर छठ पूजा व्रत में गाय का दूध दही नहीं खाना चाहिए क्योंकि संतानों को दीर्घायु प्राप्त के लिए पूजन व्रत कथा पढ़ें नियम संयम से किया गया पूजन अमोघ फलदायिनी सिद्धि प्रदान करता है। तथा संतान समृद्धि आरोग्यता प्राप्ति होती है
रिपोर्ट आर पी एस न्यूज
Author: आर पी एस न्यूज़
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