विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अन्तर्गत
रू0 1227 करोड़ 50 लाख की, धनराशि की स्वीकृति सम्बन्धी शासनादेश किया गया जारी
प्रथम किस्त के रूप में प्रति मा0 सदस्य को विकास कार्यों हेतु रू0 2 करोड़ 50 लाख की धनराशि दी जा रही है
लखनऊ:5 जुलाई 2024।
वर्ष 2024-25 में विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि हेतु विधान सभा के 403 में से 393
(10 विधान सभा सीट रिक्त है) मा० सदस्यों हेतु रू0 98250.00 लाख जी०एस०टी० सहित (रु0 नौ अरब बयासी करोड़ पचास लाख मात्र, जी0एस0टी0 सहित) की धनराशि तथा विधान परिषद के 100 में से 98 (02 स्थान रिक्त हैं) मा० सदस्यों हेतु रू0 24500.00 लाख जी०एस०टी० सहित (रु० दो अरब पैंतालीस करोड़ मात्र, जी0एस0टी0 सहित) की धनराशि अर्थात विधान मण्डल के कुल 491 (393+98) मा0 सदस्यों को वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम किश्त के रूप में रू0 250.00 लाख (जी0एस0टी0 सहित) की दर से कुल रू0 122750.00 लाख जी0एस0टी0 सहित (रु० बारह अरब सत्ताईस करोड पचास लाख मात्र, जी0एस0टी0 सहित) की धनराशि को अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य के अनुमोदन के उपरान्त
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रदान कर दी गयी है।
इस संबंध में आवश्यक शासनादेश उत्तर प्रदेश शासन, ग्राम्य विकास विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है ।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा ग्राम्य विकास विभाग के सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए गये हैं कि स्वीकृत की गयी धनराशि का व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में उल्लिखित व्यवस्था / प्रावधानों तथा इस निमित्त समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार ही किया जाय। श्री मौर्य ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सम्बन्धित जनपद के मुख्य विकास अधिकारी द्वारा स्वीकृत की गयी धनराशि की जानकारी तथा शासनादेश की प्रति अपने-अपने जनपद से सम्बन्धित मा० विधान सभा / विधान परिषद सदस्यों को एक सप्ताह के अन्दर उपलब्ध करा दी जाय।
जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं कि विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित किये जाने की कार्यवाही का दायित्व सम्बंधित मुख्य विकास अधिकारी का होगा।शासनादेश में जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि आहरित की जाने वाली धनराशि सम्बन्धित डीआरडीए के डिपाजिट खाते में स्थानांतरित की जायेगी एवं इस डिपाजिट खाते से इसका व्यय विधान मण्डल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों तथा इस सम्बन्ध में समय-समय पर जारी शासनादेशों के अनुसार किया जायेगा।