September 18, 2024 10:38 am
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आज का राशिफल व पंचांग

    आज का राशिफल व पंचांग आज शुक्रवार 16फरवरी, 2024 है विक्रम सम्वत सर: 2080 नल शक सम्वत 1945 शोभकृत् सुर्योदय :प्रातः 6:59पर होगा सूर्यास्त :शाम 06:12 पर होगा माघ शुक्ल पक्ष तिथि सप्तमी दिन के 08:54 तक तत्पश्चात अष्टमी नक्षत्र भरणी दिन के08:47 तक तत्पश्चात । कृत्तिका योग ब्रह्म दिन के 3:18 तक … Read more

शिवलिंग से जुड़े ये रहस्य ?

शिवलिंग से जुड़े ये रहस्य ? ================= हर शिवालयों या भगवान शिव के मंदिर में आप ने देखा होगा की उनकी आरधना एक गोलाकर पत्थर के रूप में लोगो द्वारा की जाती है जो पूजास्थल के गर्भ गृह में पाया जाता है.। महादेव शिव को सिर्फ भारत और श्रीलंका में ही नहीं पूजा जाता बल्कि … Read more

सूर्य देव कैसे बने श्रीहनुमान जी के गुरु

सूर्य देव कैसे बने श्रीहनुमान जी के गुरु ========================= (शिक्षा ग्रहण करने के लिए हनुमान जी को माता अंजनादेवी ने किसके पास भेजा) भगवान हनुमानजी जिनसे सभी बल, बुद्धि,बिद्या देने की कामना करते हैं। हनुमानजी की शिक्षा के लिए उनकी माता कितनी चिंतित थी ये तो उनका इतिहास पढ़ने से ही पता चलता है। कई … Read more

*🔥स्वाभिमान🔥* ☀️☀️✍️

*🔥स्वाभिमान🔥* ☀️☀️✍️ आज की शाम भी रोज की तरह ही थी। घर के अधिकतर सदस्य अपने-अपने कमरों में थे। मैं रसोई में अपना काम निपटा रही थी। अचानक बाहर से मुझे मेरे पति की आवाज सुनाई दी। शायद वो मुझे बुला रहे थे। अभी थोड़ी देर पहले ही वो अपने जिम से घर लौटे थे। … Read more

मनुष्य के बार-बार जन्म-मरण का क्या कारण है ?

मनुष्य के बार-बार जन्म-मरण का क्या कारण है ? 〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️🌼〰️〰️ एक बार द्वारकानाथ श्रीकृष्ण अपने महल में दातुन कर रहे थे । रुक्मिणी जी स्वयं अपने हाथों में जल लिए उनकी सेवा में खड़ी थीं । अचानक द्वारकानाथ हंसने लगे । रुक्मिणी जी ने सोचा कि शायद मेरी सेवा में कोई गलती हो गई है; … Read more

परब्रह्म परमात्मा श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ!!!!!!!?

परब्रह्म परमात्मा श्रीकृष्ण से सृष्टि का आरम्भ!!!!!!!? यह अनंत ब्रह्माण्डअलख-निरंजन परब्रह्म परमात्मा का खेल है। जैसे बालक मिट्टी के घरोंदे बनाता है, कुछ समय उसमें रहने का अभिनय करता है और अंत मे उसे ध्वस्त कर चल देता है। उसी प्रकार परब्रह्म भी इस अनन्त सृष्टि की रचना करता है, उसका पालन करता है और … Read more

महर्षि दधीची :-

महर्षि दधीची :- एक बार देवराज इन्द्र के मन में अभिमान पैदा हो गया जिसके फलस्वरूप उसने देवगुरु बृहस्पति का अपमान कर दिया। उसके आचरण से क्षुब्ध होकर देवगुरु इन्द्रपुरी छोड़कर अपने आश्रम में चले गए। बाद में जब इन्द्र को अपनी भूल का आभास हुआ तो वह बहुत पछताया, क्योंकि अकेले देवगुरु बृहस्पति ही … Read more

बिना परम प्रेम यानि बिना भक्ति के भगवान नहीं मिल सकते। 

*जाके हृदयँ भगति जसि प्रीती।* *प्रभु तहँ प्रगट सदा तेहिं रीती॥* जय श्री राम प्रभु भक्तों बिना परम प्रेम यानि बिना भक्ति के भगवान नहीं मिल सकते।  अन्य सभी साधन भी तभी सफल होते हैं जब ह्रदय में भक्ति होती है। जीवन की हर कमी, विफलता, अभाव, दुख और पीड़ा एक रिक्त स्थान है जिसकी … Read more

राजसूय-यज्ञ क्यों नहीं हुआ सफल ?

: ? राजसूय-यज्ञ क्यों नहीं हुआ सफल ? * सो धन धन्य प्रथम गति जाकी। धन्य पुन्य रत मति सोइ पाकी॥ धन्य घरी सोइ जब सतसंगा। धन्य जन्म द्विज भगति अभंगा॥ भावार्थ:-वह धन धन्य है, जिसकी पहली गति होती है (जो दान देने में व्यय होता है) वही बुद्धि धन्य और परिपक्व है जो पुण्य … Read more

‘राम’ नाम की महिमा ।।

।। ‘राम’ नाम की महिमा ।। त्रिलोकी में यदि श्रीराम का कोई सबसे बड़ा भक्त या उपासक है तो वे हैं भगवान शिव जो ‘राम’- नाम महामन्त्र का निरन्तर जप करते रहते हैं। रामायण के सबसे प्राचीन आचार्य भगवान शिव ही हैं। उन्होंने राम-चरित्र का वर्णन सौ करोड़ श्लोकों में किया। शिवजी ने देवता, दैत्य … Read more

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